ग़ज़ल
सफल बनो सम्मान मिलेगा।
कर्मों में भगवान मिलेगा।
फूल खिलें हैं अब माली को,
खुशबू का वरदान मिलेगा।
अच्छे कर्मों का फल अच्छा,
दिल अंदर इंसान मिलेगा।
ख़ुद को जब पहचानोगे तो,
आत्मतुष्ट ध्यान मिलेगा।
शिक्षा का अम्बर पाओगे,
लौ का रौशनदान मिलेगा।
उद्धम शक्ति संघर्ष धैर्य,
हर कार्य परवान मिलेगा।
हरियाली में खु़शहाली है,
हर पौधा धनवान मिलेगा।
कर्म बने भक्ति का मार्ग,
कृष्ण का फरमान मिलेगा।
पतझड़ में जो धबरा जाए,
माली वो नादान मिलेगा।
मंज़िल का रस्ता बतलाना,
राही जो अंजान मिलेगा।
हर्ष के हार पिरो कर रखना,
ग़म का कब मेहमान मिलेगा।
मगर घरौंदा मंज़िल होगी,
पंखों में अभिमान मिलेगा।
रिश्वत के घर घर में अक्सर,
बंदा बेईमान मिलेगा।
ढलती आयु में है बालम,
दिल का मगर जवान मिलेगा।
— बलविंदर बालम