क्षणिका क़रीब चेतना सिंह 'चितेरी' 28/07/2022 क़रीब ______ तुम मेरे दिल के इतने क़रीब हो , चाह कर भी मैं तुम्हें भूल नहीं सकती। एहसास ______ तुम मीठा– सा मेरे हृदय का वह एहसास हो , जिसे याद करके मेरा रोम – रोम पुलकित हो उठता है। — चेतनाप्रकाश चितेरी