शीर्षक – जन सेवक लाल बहादुर शास्त्री जी
- जय जवान, जय किसान
जिनका यह नारा था।
महान विचारक
सेवाभक्ति से पूर्ण
व्यक्तित्व बड़ा ही न्यारा था।
उच्च पद पाकर भी
लालच – स्वार्थ से दूर रहे।
ईमानदारी की यह
मिसाल बने।
ऐसे सरल, विनम्र,
मानवता और सद्भावना की
प्रतिमूर्त जनसेवक
श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को
जन – जन सदा नमन करता है।
रचना – स्वरचित / मौलिक
रचयिता – आचार्या नीरू शर्मा
शिक्षिका / लेखिका
स्थान – कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ।