कविता

शीर्षक – जन सेवक लाल बहादुर शास्त्री जी 

  • जय जवान, जय किसान
    जिनका यह नारा था।
    महान विचारक
    सेवाभक्ति से पूर्ण
    व्यक्तित्व बड़ा ही न्यारा था।
    उच्च पद पाकर भी
    लालच – स्वार्थ से दूर रहे।
    ईमानदारी की यह
    मिसाल बने।
    ऐसे सरल, विनम्र,
    मानवता और सद्भावना की
    प्रतिमूर्त जनसेवक
    श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को
    जन – जन सदा नमन करता है।

रचना – स्वरचित / मौलिक
रचयिता – आचार्या नीरू शर्मा
शिक्षिका / लेखिका
स्थान – कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश ।

आचार्या नीरू शर्मा

नाम आचार्या नीरू शर्मा है। मेरी जन्मभूमि देवभूमि हिमाचल प्रदेश है । मैं एक शिक्षिका व लेखिका हूँ । शिक्षा - एम.ए./आचार्या/ बी.एड। शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए 15 साल हो गए हैं । लेखन से जुड़े हुए लगभग 10 साल हो गए है। कुछ साहित्यिक मंचों से जुड़ी हूँ जिन पर रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं व सम्मान पत्र प्राप्त हुए हैं। दो साझा काव्यसंग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मेरी रुचि - पठन/लेखन/भ्रमण/बागवानी आदि में है।