कविता

नया बर्ष

बाय बाय पुराना कह नया बर्ष को मनाना चाहिए
कमी हुई जो सोच फिर खुद को आज़माना चाहिए.
अतीत मोह से नवल युग में पग लेकर चलो
आदतों में पाया सा होकर ही सब जमाना चाहिए.
बाय बाय पुराना कह नया बर्ष को मनाना चाहिए

नियम लिए ही बढ़ते हुए आगे को निभाना जाने
प्रेम और श्रम की दौलत को मिल बढ़ाना चाहिए.
मन ख्वाहिशों को अपना कोई स्वाद लाना चाहिऐ
बाय बाय पुराना कह नया बर्ष को मनाना चाहिए

आस्था धर्म मन लेकर मानवता को अपना कर
लब गान लेकर सुर से सुर को मिलाना चाहिए.
मुश्किल में परामर्श ले सियाना कोई सहारा चाहिए .
बाय बाय पुराना कह नया बर्ष को मनाना चाहिए

अजनबीपन और दुरी का होना सा दोस्ती में आदत
आँखों में धूल झोकना सा पाया न बहाना चाहिए.
प्रेम और सहयोग से मुल्क देशप्रेम निभाना चाहिए .
बाय बाय पुराना कह नया बर्ष को मनाना चाहिए

— रेखा मोहन

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]