कविता

प्रकृति

प्रकृति कुछ कहना चाहती है मुझसे,
हवा की सरसराहट,
पक्षियों की चहचहाहट,
नदियों का शोर,
बारिश का उल्लास वातावरण,
मेरे मन को प्रफुल्लित कर्ता है,
ऐसा लगता है मानो प्रकृति कुछ कहना चाहती हो मुझसे,
बारिश की बंद से बातें करने का मन कर्ता है ,
चांदनी रात का मदमस्त वातावरण,
मुझसे बातें कर्ता है,
चांदनी की शीतलता मुझे सुकून देती हैं,
सूरज का ताप हमेशा हौसला देता है,
प्रकृति ने बहुत कुछ सिखाया है हमको,
नदियों ने शांत रहना सिखाया है हमको,
हवा ने मधुरता सिखाया है हमको,
तूफानों ने लादना सिखाया है हमको,
प्रकृति बहुत कुछ सिखाती है हमको,
प्रकृति और जीवन में बहुत समानता है,
प्रकृति हमे लड़ना सिखाती हैं,
प्रकृति जीवन हमे जीना सिखाती हैं। ।

— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384