प्रश्न
अंतस में सदैव रहती है, सज्जनता और सहनशीलता
क्या कारण है ? सम्बन्धों में, फिर भी बनी हुई है कटुता
अंतस में है सदा उपस्थित, प्रेम दया करुणा और ममता
क्या कारण है ?फिर भी मानव, मानवता को धूमिल करता
अंतस में है सदा विराजित , चेतन ज्योति पुंज आशा का
क्या कारण है ? नीरस जीवन, मनुज यहाँ सुख शांति खो रहा
हर मानव के उर अंतर में , एक बृह्म की ज्योति प्रज्ज्वलित
क्या कारण है ?कहीं पूर्णिमा, कहीं अमावस का अंधियारा
प्रश्नों से भर गयी मंजूषा , मन में है कोलाहल भारी
“मृदुल” मृदुलता घटती जाती क्यो बढ़ती यहाँ कलुषता
— मंजूषा श्रीवास्तव “मृदुल”