कहानी

दहेज

राखी और आकाश के बहुत सालों बाद हुई बेटी रिया बहुत सुंदर थी | आकाश एक दुकान पर काम करता था | राखी को सिलाई का बहुत शौक था उसने घर में ही एक छोटा सा बुटीक खोल रखा था | दोनों की आमदनी से ही घर खर्च चलता था रिया की हर इच्छा को पूरा करने की दोनों हर सम्भव प्रयास करते थे| रिया अब कॉलेज में आ गयी थी उसके माता पिता को उसकी शादी की चिंता सताने लगी दोनों की आमदनी इतनी नहीं थी कि वो दहेज दे सके उनका मानना था कि आज कल कोई बिना दहेज के शादी नहीं होती है और हमारे पास तो इतना पैसा भी नहीं है|
रिया के साथ कॉलेज में पढ़ने वाला रोहित बहुत ही समझदार और  सुंदर था. वह रिया को बहुत पसंद करता था| रिया भी उसे दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे लेकिन अपने माता पिता से कहने से डरते थे क्यों कि रोहित बहुत अमीर था कहीं रोहित के पापा ने शादी के लिये मना कर दिया तब क्या होगा लेकिन दोनों शादी भी करना चाहते थे|
एक दिन रिया ने रोहित से बोला “हम कब तक एक दूसरे से छिप छिप कर मिलते रहेंगे हमें  मम्मी पापा को बताकर शादी कर लेनी चाहिए.”
रोहित बोला ” ठीक है मैं बात करता हूँ”
रिया जब अपने मम्मी पापा को रोहित के बारे में बताती है साथ में यह भी कहती है कि बहुत अमीर परिवार से है|
यह सुन राखी और आकाश सोच में पड़ जाते है वो अमीर है कहीं हमसे ज्यादा दहेज की माँग न कर बैठे|
लेकिन बेटी की खुशी की खातिर वो मान जाते है|
रोहित और रिया के माता पिता मिलने के लिए राजी हो जाते है
रिया को देखकर रोहित की मम्मी रानी पापा मनीष शादी के लिए हामी भर लेते है राखी और आकाश भी तैयार हो जाते है| रोहित के पापा आकाश से लेनदेन की बात करने को कहते है यह सुन रिया और उसके मम्मी पापा घबरा जाते है |
उनकी चिंता देखकर मनीष बोले ” आप मेरा गलत मतलब न समझे आप की चिंता हम समझ सकते है जैसे कि आजकल जो दहेज के नाम पर बेटी के माता पिता को लूटा जा रहा है हम बिल्कुल भी ऐसे नहीं है हम आपसे दहेज नहीं मांगेंगे आप हमें इतनी सुशील, सुंदर, संस्कारी बेटी दे रहे है वही हमारे लिए बहुत बड़ा दहेज है. आपने अपनी बेटी को पाल पोसकर बड़ा किया पढ़ाया, लिखाया, संस्कारवान बनाया आपसे बड़ा कोई दान देना वाला नहीं है. आपकी बेटी को हम बहु नहीं बेटी बनाकर रखेगे हम पर आप यकीन रखिये.”
“यह दहेज की प्रथा हम लोगों ने ही बनाई है जिसका मैं विरोध करता है इस दहेज की खातिर ही न जाने कितनी बहु ,बेटियों को दहेज की बलि चढ़ना पड़ता है
न जाने पिताओं को कर्ज लेना पड़ता है | फिर भी बेटियों को जिंदा जलाया जाता है हम लोगो को ही इस प्रथा को मिटाना है इसकी शुरुआत हम करते है इसमें मुझे आपका सहयोग की आवश्यकता है| अगर आप मेरी इसमें मदद करेगें यही मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा”
रोहित के पापा आकाश के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए|
आकाश के आँखों में आँसू आ गए दोनों आपस में गले मिले|
थोड़े दिनों के बाद ही रिया और रोहित शादी हो गयी रोहित के पापा मनीष और आकाश दोनों ने दहेज के खिलाफ मुहिम छेड़ दी.
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश