एकल परिवार
सिमट सिमट
अब कितना सिमटेंगे
दस बारह से होते होते
एक पर आ गए
कभी गर्व था
परिवार पर अपने
कहते नहीं अगाथे थे
सीना चौड़ कहते थे
हम हैं चार भाई
छः बहनें
बहुत बड़ा परिवार हमारा
आज कैसे बतलायें
यह मेरा भाई
यह है मेरी बहिना
न मामा है
न बुआ
न चाचा
न कोई ताऊ
बिन सब इनके अब कैसे सजे बारात