लोग मिले हैं
कहने को कलमकार कई लोग मिले हैं
पर गजब के अय्यार कई लोग मिले हैं
चूना लगाने में बहुत शातिर है जमाना
अपनों के गुनहगार कई लोग मिले हैं
सोचा था बुरे वक्त में सहारा मिलेगा
उनके हुए शिकार कई लोग मिले हैं
जिनसे हमें उम्मीद थी पकड़ेंगे हाथ वो
सर पर हुए सवार कई लोग मिले हैं
मेरा सगा अपना था वो भाई से बढ़कर
करते यही पुकार कई लोग मिले हैं
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव