मुक्तक/दोहा

उसको अपना गांव

बातें कड़वी मत करें, करें सभी से प्यार 

तब पाओगे ही सदा, सफल सुखी संसार 

ऊपर से शरीफ दिखे, भीतर से शैतान 

ऐसे में कैसे करें, इंसान की पहचान 

बोले आप सदैव ही, मीठे-मीठे बोल 

अपनी वाणी में सदा, घोले ऐसे घोल 

औरों के ही सामने, खोलिए नहीं राज 

वरना होगा आपसे, देखो वो नाराज 

गलत बात जो भी कहें, सुने मत आवाज 

हरदम उससे ही रहे, आप सभी नाराज 

शहर में उसको न मिली, देखो ठंडी छांव 

इससे अच्छा तो लगा, उसको अपना गांव 

मानव यदि सीधा रहे, पूछे न उसे कोय 

जो भी आता है उसे, कपड़ा जैसा धोय 

प्रतिभा का होता नहीं, देख आज सम्मान 

होता है उसका यहां, अयोग्य है श्रीमान 

जिनके रहते हैं सदा, जहरीले ही बोल 

ऐसे मानव से कभी, रिश्तों को मत तोल

जो भी मानव बेचते, अपना देख जमीर

खुद को ही वो मानता, सबसे बड़ा फकीर

— रमेश मनोहरा 

रमेश मनोहरा

शीतला माता गली, जावरा (म.प्र.) जिला रतलाम, पिन - 457226 मो 9479662215