बसन्त ऋतु
नई उमंग से सराबोर,
मदहोश करती सबको सब ओर,
नवीन जोश और उत्साह से,
सम्पन्न हुआ है भोर,
यही कहलाता है बसन्त ऋतु का,
सबसे खूबसूरत उपहार,
जिसके लिए हों रहा है होड़।
खुशनुमा माहौल है,
सबमें अपनत्व और प्यार का,
उद्गम लगता है,
सब जगह खुशियों का माहौल है।
यह रंगीनियां लातीं है,
उमंग से सराबोर कर जाती है।
आनन्द और प्रसन्नता,
इसके श्रंगार है,
खुशियां समेटने में इसकी,
अहमियत नहीं दिखता कहीं तकरार है।
अपने हिस्से में,
खुशियां और सुकून देने वाली,
ताकत बनकर इतरातीं है।
अपार संभावनाएं ख़ुद व खुद दें जाती है।
सपनों को साकार करने में,
सबसे पहले आ खड़ी हो जाती है।
मजबूती से आगे बढ़ाने में,
सबसे पहले साथी बनकर,
हाथ बढ़ाती है।
यही कारण है कि यह,
सबमें खुशियां बिखेरा करतीं हैं।
अपने हिस्से पर सबको अधिकार,
दे जाने में आगे रहते हुए,
खुशियां और सुकून दे जाती है।
बसन्त ऋतु हम-सब के लिए हमेशा,
उत्सव सी महफ़िल में समेटे हुए,
खुशियां और प्यार से,
लबालब भर देती है ।
आनंदित रहने वाले शखिसियत को,
आनन्द की वास्तविक अनुभूति होती है।
डॉ० अशोक , पटना