उज्जैन की शान बनी विक्रमादित्य वैदिक घडी
विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी कुछ दिनों पूर्व लोकार्पित हुई। बड़ी प्रशंसनीय कार्य हुआ।बधाई।देखा जाए तो उज्जैन की वेधशाला (जंतर मंतर) में कई खगोलीय यंत्र स्थापित है। ग्राम डोंगला में 21 जून को परछाई नही दिखती कर्क रेखा गुजरने का मध्य पॉइंट है। इसके अलावा फ्रीगंज में टॉवर में लगी शानदार चारों तरफ लगी घड़ी भी क्षेत्र में प्रसिद्ध है। धार्मिक नगरी उज्जैन को काल गणना के नाम से भी माना जाता है। वर्तमान में स्थापित हुई विक्रमादित्य वैदिक घड़ी वैदिक ज्ञान को बढ़ाएगी। ऐसी घड़ी प्रत्येक ज्योतिर्लिंग पर स्थापित की जाना चाहिए। धार्मिक नगरी उज्जैन में अब वैदिक घड़ी भी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ आम लोगों को वैदिक ज्ञान मुहैया कराएगी.। डिजिटल वैदिक घड़ी Lmao प्रयोग धार्मिक नगरी उज्जैन में पहली बार हुआ है। इस घड़ी में सबसे खास बात यह है कि 24 नहीं बल्कि 30 घंटे का एक दिन होगा।वैदिक घड़ी के जरिए खगोलीय गणना का ज्ञान भी प्राप्त होगा। वैदिक ज्ञान के प्रसार प्रचार हेतु महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर भी वैदिक घड़ी स्थापित की जाना चाहिये।
— संजय वर्मा “दृष्टि”