जल ही जीवन है
जीवन का आधार है जल,
हर पल रखें उसे निर्मल।
बिन जल के जीवन नहीं होता,
मानव के पापों को धोता।
शाक, तरकारी, अन्न और फल,
तब मिलते जब होता जल।
मानव हो या पशु-पक्षी,
सब इस निर्मल जल के भक्षी।
जल यदि हो जाएगा गन्दा,
फिर नहीं बच पाएगा बन्दा।
देह बनेगी रोगों का घर,
हैजा, मलेरिया और कहीं ज्वर।
निर्मलता का ध्यान रखें सब,
लाभ मिलेंगे हम सबको तब।
दूर रखें हर तरफ का मैला,
चाहे हो वह पाॅलीथीन थैला।
आईये एक कदम हमारे साथ
जल संरक्षण को एक मुहिम बनायें
— डा. मधु आंधीवाल