कविता

गुरु प्यारा 

न देखा मैं सृजनहारा 

न देखा मैं पालनहारा 

मैं देखा अपना गुरु बलिहारा 

जिन भव पार 

मुझ उतारा।

न देखा मैं राम प्यारा 

न देखा मैं कृष्ण न्यारा 

मैं देखा अपना गुरु प्यार

जिन दर्श दिखाया 

प्रभ तेरा हर रूप न्यारा।

न देखी मैं काली मैया 

न देखी मैं दुर्गा मैया 

मैं देखा अपना गुरु प्यारा 

जिन दिखाई भगवती 

हर लीला न्यारी ।

— डॉ. राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233