बच्चों की कविता
मैंने पाली इक बिल्ली
रोज सुबह जाती साथ मेरे
करती वह भी वॉक
उछल कूद करती रस्ते भर
कभी इधर तो कभी उधर
देखा उसने इक चूहा
जो टहल रहा था पार्क में
झट पट दौड़ी उसके पीछे
आगे चूहा पीछे बिल्ली
सरपट दौड़ रहे थे
एक जान बचाने अपनी
दूजा अपना भोजन पाने को
इतने में आगे से एक कुत्ता आया
चूहा घूस गया बिल में
अब आगे बिल्ली
पीछे कुत्ता
सरपट दौड़ रहे दोनों
मैं भागा अपनी बिल्ली बचाने
कुत्ते के पीछे लेकर मोटा डंडा
डंडा देख भागा कुत्ता
बिल्ली लिपट गई आकर मेरे पैरों में