क्षणिका
गरीब
यातना की
रोटी चबाते
संतोष का
पानी पीते
जीते हैं
ऐसे
जैसे
सुखे तालाब में
जीती हैं
मछलियाँ
मुट्ठी भर
पानी में
बारिश के
इंतजार में —–!!
***भावना सिन्हा***
गरीब
यातना की
रोटी चबाते
संतोष का
पानी पीते
जीते हैं
ऐसे
जैसे
सुखे तालाब में
जीती हैं
मछलियाँ
मुट्ठी भर
पानी में
बारिश के
इंतजार में —–!!
***भावना सिन्हा***
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nice
वाह वाह !