कविता अजय कुमार मिश्र 'अजयश्री' 08/07/201508/07/2015 शो प्लांट शहर के पेड -पौधों की, शुरु होने से पहले ही , समाप्त हो जाती हैं जड़ें सीमित दायरा है उनका Read More
कविता अजय कुमार मिश्र 'अजयश्री' 07/07/201508/07/2015 चप्पलें अस्तित्व में आते ही, आ जाती हैं चप्पलें। उम्र भर रहता है उनका साथ, जाडा गर्मी या हो बरसात। कीचड, Read More
कविता अजय कुमार मिश्र 'अजयश्री' 06/07/201508/07/2015 सच्चा धर्म (१८.१.२०१४ को पेशावर/पाकिस्तान में हुए आतंकी हमले के सन्दर्भ में) वहाँ तो नही था कोई, मंदिर,मस्जिद,चर्च या गुरुद्वारा, नही कोई Read More