मेरा गुड्डा मस्त कलन्दर
मेरा गुड्डा मस्त कलन्दर, नाचे ऐसे जैसे बन्दर। उछल कूद में ऐसा माहिर, शैतानी उसकी जग जाहिर। एक बार बस चाबी भर
Read Moreमेरा गुड्डा मस्त कलन्दर, नाचे ऐसे जैसे बन्दर। उछल कूद में ऐसा माहिर, शैतानी उसकी जग जाहिर। एक बार बस चाबी भर
Read Moreखेत-खेत में सरसों झूमे, सर-सर वहे वयार, मस्त पवन के संग-संग आया मधुऋतु का त्योहार। धानी रंग से रंगी धरा,
Read Moreमेरे देश की माटी सोना, सोने का कोई काम ना, जागो भैया भारतवासी, मेरी है ये कामना। दिन तो दिन
Read Moreहम बच्चे हिन्दुस्तान के। हम बच्चे हिन्दुस्तान के। शीश झुकाना नहीं जानते, शीश कटाना ही जाना। मेरा मजहब मुझको प्यारा, पर का मजहब कब माना।
Read Moreकल से ही तो चालू होने वाले हैं पाखी के प्रिलिम ऐग्ज़ामस्। पढ़ते-पढ़ते मन बदलने के लिये वह टैरस पर
Read Moreजागो भैया अभी समय है, वर्ना तुम भी जी न सकोगे। गंगा का पानी दूषित है, गंगाजल तुम पी न
Read Moreसूरज दादा कहाँ गए तुम, काह ईद का चाँद भए तुम। घना अँधेरा, काला – काला, दिन निकला पर
Read Moreठंडी आई, ठंडी आई, ओढ़ो कम्बल और रजाई। कोहरे ने जग लिया लपेट, गाड़ी नौ – नौ घण्टे लेट। हवाई
Read Moreपीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना, उज्वल ‘कल’ है तुम्हें बनाना, वर्तमान ना व्यर्थ गँवाना। संधर्ष आज तुमको
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