बाल कविता

गंगाजल तुम पी न सकोगे

जागो   भैया  अभी  समय  है,

वर्ना  तुम  भी  जी  न सकोगे।

गंगा   का   पानी    दूषित  है,

गंगाजल  तुम  पी  न  सकोगे।

 

सागर में  अणु-कचड़ा  इतना,

जल-चर  का  जीना  दूबर है।

सागर  मंथन  हुआ  कभी तो,

कामधेनु  तुम  पा  न सकोगे।

 

पाँच  तत्व  से  निर्मित होता,

मानव-तन  अनमोल रतन है।

चार  तत्व   दूषित  कर डाले,

जाने   कैसा   मूर्ख  जतन  है।

 

दूषित जल है, दूषित  थल है,

दूषित  वायु   और  गगन  है।

सत्यानाश   किया  सृष्टि  का,

फिर भी कैसा आज मगन है।

 

अग्नि-तत्व  अब  भी बाकी है,

इसका भी  क्या नाश करेगा।

या  फिर इसमें भस्मिभूत हो,

अपना  स्वयं  विनाश करेगा।

 

मुझे बचा  लो, सृष्टि  रो पड़ी,

ये  मानव   दानव  से  बदतर।

अपना  नाश  स्वयं  ही  करता,

है भस्मासुर या उसका सहचर।

 

देख   दुर्दशा   चिंतित  भोले,

गंगा   नौ-नौ   आँसू   रोती।

गंगा-पुत्र  उठो,  जागो  तुम,

भीष्म-प्रतिज्ञा  करनी होगी।

 

धरती-पुत्र आज  धरती क्या,

सृष्टि  पर  संकट   छाया  है।

और   सुनामी,   भूकम्पों  से,

मानव  जन  मन  थर्राया है।

 

मुझे बता  दो  हे  मनु-वंशज,

क्या पाया  था तुमने मनु से।

ये   पीढी   है  आज   पूछती,

क्या   देकर   तुम   जाओगे।

…आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः anandvishvas@gmail.com