गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 12/05/201508/05/2015 ग़ज़ल वतन के काम आएगा | न हड्डी चाम आएगा || बहक जाऊं में गिर जाऊं | तुम्हारा नाम आएगा || Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 11/05/201508/05/2015 ग़ज़ल तुम्हें ख़त लिख रहा हूँ | लगी लत लिख रहा हूँ || दीवारें वालिदा को | पिता छत लिख रहा Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 10/05/201508/05/2015 ग़ज़ल हाथ में हाथ लेकर चला कीजिए, स्याह है रात थोड़ा डरा कीजिए | डस न ले ये जवां गबरू कोई Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 09/05/201508/05/2015 ग़ज़ल मिले थे दिल जहाँ दिल से वहीँ इक बार आ जाना, मुहब्बत कितनी है हम से कसम तुमको बता जाना| Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 08/05/201508/05/2015 ग़ज़ल निशा की गोद में शब भर दिया लेकर भटकता है, कोई पूछे तो ये पागल सा चंदा ढूंढता क्या है Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 10/03/201508/03/2015 ग़ज़ल तुम्हें ख़त लिख रहा हूँ लगी लत लिख रहा.हूँ दीवारें वालिदा को पिता छत लिख रहा हूँ बड़ों से झुक Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 09/03/201509/03/2015 गज़ल प्यार करना सिखा जाना साथ मरना सिखा जाना चूम कर हाथ होठों से पीर हरना सिखा जाना दूर जाऊं तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल अनन्त आलोक 08/03/2015 ग़ज़ल मिले थे दिल जहाँ दिल से वहीँ इक बार आ जाना, मुहब्बत कितनी है हम से कसम तुमको बता जाना| Read More
बाल कहानी अनन्त आलोक 23/02/2015 बाल कहानी : चंचलू और पेड तड़ाक ! तड़ाक ! की आवाज जंगल की शांति को भंग कर रही थी, चोटी का पसीना एड़ी से होते Read More