परिवार
“आज भी किसी को मेरी याद नहीं आयी” प्रतिदिन की तरह सरिता बड़बड़ाती जा रही थी, “वृद्धाश्रम के इस कमरे
Read More“बाबूजी! बाबूजी! कहाँ हैं आप? दरवाजा खुला छोड़ दिया है,” कहते हुए ऋतु हैन्डबैग लिये अंदर आयी।“तू अचानक यहाँ मुझ
Read Moreमम्मी-पापा के साथ दिवाली की खरीदारी करके हाथ में कुछ पैकेट लिये परी घर लौटी।परी ने चार-पाँच पैकेट एक-एक करके
Read Moreसर! दो दिन की छुट्टी चाहिये। गाँव में बाबू जी बहुत बीमार और माई के जाने के बाद अकेले हो
Read Moreबस स्टॉप पर बस रुकी। यात्रियों की भीड़ में एक वृद्ध किसी तरह कंडक्टर की सहायता से चढ़ा। बस चल
Read More