दानपात्र
“साहब! बहुत ठंड है। चाय के लिये पैसे दे दीजिये। पुण्य मिलेगा,” एक भिखारी ने सुनील के पीछे से आवाज़
Read Moreसर! दो दिन की छुट्टी चाहिये। गाँव में बाबू जी बहुत बीमार और माई के जाने के बाद अकेले हो
Read Moreबस स्टॉप पर बस रुकी। यात्रियों की भीड़ में एक वृद्ध किसी तरह कंडक्टर की सहायता से चढ़ा। बस चल
Read More1मेरी राधा।देखो बाधा।।लागे नैना।ना ही चैना।।2तू ही न्यारी।मेरी प्यारी।।देवी सारी।जो है नारी।।3जागे रैना।मेरे नैना।।बोले बैना।तू ही चैना।। — डॉ. अनीता
Read Moreरास्ते में खड़ा है मील का पत्थर,दूरी बताता है मंजिलों का।आती-जाती कई सवारियाँ,दौड़ रहीं हैं कई गाड़ियाँ।देख उसे हैं चैन
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