कहमुकरी
है हमारी प्यारी हमजोली दिन-रात वह साथ रहती मध्याह्न में हममें मिल जाती क्या सखि माया? ना सखि छाया। जो
Read Moreउत्पन्ना द्राविडेचाहं कर्नाटे वृद्धिमागता।स्थिता किन्चिन्महाराष्ट्रे गुर्जरे जीर्णामता।।अर्थात् “श्रीमद्भागवत” में व्यास महर्षि ने भक्ति के मुख से यह कहलवाया है कि
Read Moreजिन्दगी के लम्हों कोजितना भी समेटोरेत की ढेर है यहझरती ही जाती है। बनाओ अगर इसमेंअपना नामो-निशानउड़ती हवा का झोंकाउसे
Read Moreथक जाती है औरत पर माँ नहीं मानती हार चाहे हो बदनाम गली की माँ अपनी संतान को सर्वाधिक प्यार
Read Moreखरगोश के साथ दौड़ की प्रतियोगिता में जीतने के बाद कछुआ घमण्ड से सिर उठाकर चलता. दूसरी ओर खरगोश, जो
Read Moreवाराणसी का प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर सुबह-ए-बनारस के सूर्योदय की छवि अपनी नेत्रों में समेटे हम स्वार्गिक आनन्द में खोये
Read Moreअजनबी पत्थरों के देश में, देखा इन्सान पत्थरों के बने I बहुत सहलाया, प्यार भी किया, चूमा, पलकों पर बिठाया
Read Moreखामोशी से निकल गया था वह, विकास की तलाश में अर्जित करने ज्ञान का प्रकाश कुछ रश्मियाँ हाथ आईं सरस्वती
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