“ऐ” दिल, आज फिर …
दिल के कोने में सिकुड़ी – सिमटी सी इक ख्वाहिश अक्सर,,, करती है फरियाद दिल से “ऐ” दिल, आज फिर…
Read Moreदिल के कोने में सिकुड़ी – सिमटी सी इक ख्वाहिश अक्सर,,, करती है फरियाद दिल से “ऐ” दिल, आज फिर…
Read Moreसुनो सजना… सुनो सजना ! सुरमई शाम ने फिर शरारत भरी,,, साजिश की है। सुनहरे सपने दिखा, सतरंगी एहसास जगा,
Read More“सुरभि बेटा, यह क्वारंटाइन क्या होता है?” कमरे के बाहर खड़ी सुरभि से अख़बार से नज़र उठाते हुए दादी
Read Moreसर – आंखों पर बिठाने वाले मेरे अपने… इक दिन,,, चिता पर भी बिठाएंगे युक्तियों से बनाए गए घरौंदे से
Read Moreहै माथे चन्द्रमा हलाहल शिव कंठ में अर्धनारीश्वर सृष्टि पालनकर्ता है भोला शंकर अन्तर्यामी महिमा न्यारी शांत करे चित्त भक्तों
Read Moreकौन कहता है कि किस्से,,, चाहत मुहब्बत और तेरे-मेरे प्यार के हैं अब बस कुछ पन्नों में सिमट गए
Read More