डिजिटल ज़माना
“क्या बात हो गयी है, आजकल कुछ लिख नहीं रहीं?” वे बोलीं । “नहीं, बस थोड़ा बहुत लिख, साथियों को
Read More“क्या बात हो गयी है, आजकल कुछ लिख नहीं रहीं?” वे बोलीं । “नहीं, बस थोड़ा बहुत लिख, साथियों को
Read Moreमाना तेरी नज़र में…. की तर्ज पर माना ऐ कुर्सी तेरा हम प्यार नहीं हैं, कैसे हम यह कह दें…
Read More“पापा जी से यह न हुआ कि एक ढंग का घर बनवा देते। पिंजरे सा घर है। अब सोनू को
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