मुक्तक
जीवन – लीला रहे अधूरी सुख – दुख के संयोग बिना प्रीति कहाँ हो पाती पूरी कुछ दिन विरह वियोग
Read More“जल है तो जीवन है। तो बच्चों हम सब मिलकर शपथ लेते हैं कि पानी की बरबादी नहीं करेंगे और पानी
Read Moreप्यारा भारत वर्ष लिखूं आजादी संघर्ष लिखूं जाति धर्म में देश बंटा कैसे मैं उत्कर्ष लिखूं ।।। शोषण अत्याचार
Read Moreअगला पिछला सोचकर मत कर तू संताप प्रभु चरणों में मन लगा कर ले हरि का जाप बीत गया जो
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