बहुत रौशन सवेरा भी नही था
बहुत रौशन सवेरा भी नही था मगर इतना अंधेरा भी नही था मिरी बेचैनियां बढ़ने लगीं थीं मुझे यादों ने
Read Moreबहुत रौशन सवेरा भी नही था मगर इतना अंधेरा भी नही था मिरी बेचैनियां बढ़ने लगीं थीं मुझे यादों ने
Read Moreसजदे में ग़र हो सर तो नेमत अता करे बुझते हुए दिए की हिफाज़त हवा करे ईमान बांध कर चलें
Read Moreकोई हंसती हुई सूरत नहीं देखी जाती अब तो इस शहर की हालत नहीं देखी जाती रश्क करते हैं सभी
Read Moreइक पल को मुस्कुराये रुलाकर चले गए आये ज़रा सी देर को आकर चले गए मुद्दत से बादलों का हमे
Read Moreमेरी आँखों में देखा तो खो जायेगा ये सितम ही सितमग़र पे हो जायेगा कोशिशें ग़र हमारी मुसलसल रहीं एक
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