ज़िन्दगी ।
शिकायतों और उम्मीदों के बीच कहीं एक पतला सा धागा है बस इतनी ही है ज़िन्दगी उम्मीदों की डोरियों से
Read Moreनैनीताल हाइकोर्ट ने गंगा और यमुना को मनुष्य का दर्जा दिया है । क्या कोई ऐसी अदालत है जहां मनुष्य
Read Moreप्रज्वलित कर मन की वेदीकर्मों की ले समिधा बना कुछ धृत अश्रु चढ़ा तभीएक हवन कुंड खुद में बना।। पत्त्थर
Read Moreमाया मुई न मन मुआ मर मर गया शरीर आसा त्रिसना न मरी कह गए दास कबीर । ये आसा
Read Moreस्मृति के पन्नो पर फैला तंद्राओं का घेरा कुछ टूट गया कुछ छूट गया ये अद्भुत मौन बसेरा ।। आशाओं
Read Moreकाले धन का हंटर सिर्फ कालाबाजारी करने वालों पर ही नहीं पड़ा है गृहमंत्रालयों पर भी पड़ा है । हालात
Read Moreसोनिया प्रियंका से—कैसी बहन हो बाबा को 4000 रूपए नहीं दे सकती थी ,बेचारा बैंक गया है…… प्रियंका……नहीं मम्मी, मैंने
Read Moreआंगन रोशन आज है क्यों जरा शहीदों की भी याद रहे । याद रहे हाँ याद रहे भारत वीरों की
Read Moreआजकल तीनों वक़्त सुबह दोपहर शाम हर वक़्त बस एक ही नाम, आह तलाक ,उई तलाक, वाह तलाक; मतलब हाल
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