पधारी सर्दी दुबके पाँव!
पधारी सर्दी दुबके पाँव! सर्द हवा से पसरी ठंडक , आँगन मे सिहरी पद चापें ठंडा – ठंडा बाहर –
Read Moreपधारी सर्दी दुबके पाँव! सर्द हवा से पसरी ठंडक , आँगन मे सिहरी पद चापें ठंडा – ठंडा बाहर –
Read Moreहम भले ही पहुँच गये हों चाँद पर बाहें लम्बी करके छू लिया हो मंगल की धरती और नाप लिया
Read Moreविश्व की प्राचीनतम सभ्यता का विकास प्राचीन भारत में हुआ , जो उस समय “ आर्यावर्त ” के नाम से
Read Moreबदलते हालात में हम घर से गाफिल हो गये गाँव की मासूमियत में शहर शामिल हो गये आधुनिकता ने बदल
Read Moreवह भी एक बहती हुई हवा की तरह थी कानों के पास आकर फुसफुसाती हुई ठंडे झकोरे की तरह सिहराती
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