पर हम पागल है
हम खेलते मिट्टी में और उछालते कूड़ा ये न समझो शरारत है पर हम पागल है! कभी नाचते सड़क पर
Read Moreहम खेलते मिट्टी में और उछालते कूड़ा ये न समझो शरारत है पर हम पागल है! कभी नाचते सड़क पर
Read Moreक्यों? राख हथेली पर रखूँ सवाल करूँ हल्के फुल्के उलझे अपनों से, अभी राख चंद मिनटों में उड़ जायेगी या घुल
Read Moreप्यासा गला रूठा बर्तन खाली पानी नहीं है तमन्ना जगी है पी लूँ दो घूँट पर उदासीनता सामने हाथ पसारती
Read Moreतुम कहाँ हो? खोये खोये रहते हो क्या तुम्हारा कोई वजूद है? या हासिल करना चाहते हो कुछ नया। जिंदगी
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