राख हथेली पर
क्यों? राख हथेली पर रखूँ सवाल करूँ हल्के फुल्के उलझे अपनों से अभी राख चंद मिनटों में उड़ जाएगी या
Read Moreक्यों? राख हथेली पर रखूँ सवाल करूँ हल्के फुल्के उलझे अपनों से अभी राख चंद मिनटों में उड़ जाएगी या
Read Moreमेरे पास उदासी बैठी है सुबह से बातें कर रही है ताने मारती मैं मुँह लटकाए सुन रहा हूँ झेल
Read Moreछाँव उस पेड़ की मिठास भरी आओ बैठते हैं बातें करते हैं आज की कल की बाँटते हैं सुख दुख
Read Moreसुबह रवि की लालिमा फूलों पर फुदकती तितलियाँ अँधेरी बोली – मुझे घर जाना है I पथ पर चहल पहल
Read Moreहम सोये सोई किस्मत हम जागे जागी किस्मत हम रोये रोई किस्मत हम हँसे खिलखिला उठी किस्मत क्या खूब ?
Read Moreमिटटी की दीवारों पर न जाने क्या लिखती हो ? कभी जडती हो शब्द अनेकों कभी शब्द व्यंजना करती हो
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