दो गज़लें
[१] महके महके आशियाने हो गये | चिड़िया के बच्चे सियाने हो गये || हर तरफ हैं प्यार की ही
Read Moreजहरीली हवा घुटती जिंदगानी दोस्तो यही है नये दौर की कहानी दोस्तो पर्वतों पे देखो कितने बाँध बन गये जवां
Read Moreकई गलतफहमियाँ दरकिनार करनी पडती हैं दुखों की घड़ियाँ साथ की सुई से टांकनी पड़ती हैं सरे राह गला पकड़
Read Moreमेरे पहाड़ में उगते हैं आज भी प्रेम के फूल , और घासनियों पर उगती है सौहार्द की दूब ;
Read Moreलिखेंगे गीत वफाओं के, जरा सी शाम ढलने दो लिखेंगे गीत दुआओं के, जरा सी शाम ढलने दो मौसम के
Read More