लघुकथा – युग सत्य
बंदर बस्ती में आया तो कुत्ता बंदर को देखकर जोर-जोर से भौंकने लगा । बंदर ने देखा और बोला -“अबे
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Read Moreहर महीने की सात तारीख को हमारी मासिक गोष्ठी होती थी । उस दिन हमारे उच्चाधिकारी हमें विभागीय सूचनाएं देते
Read Moreस्कूल के बगल में आर्मी का ट्रांजिट कैंप होने के कारण आते- जाते फौजी वहां रुकते। घर से आते फौजी
Read Moreअसली कम और नकली ज्यादा है इनके किरदारों में |न मानो तो देख लो तुम भी सत्ता के बाजारों में
Read Moreहाशिए पर खड़ा आदमीधूप में झुलस जाता है मूक होकरक्योंकि वह सूरज के खिलाफ विद्रोह करना नहीं जानतावह हवा के
Read Moreआदत के अनुसार शाम के वक्त मैं रोज पार्क में घूमने निकल जाता हूं । वहां कई लोग मिल जाते
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