कहानी – पहाड़िया
यूं तो मैं पहाड़ से था। हिमाचल के चंबा से । परंतु रोजगार के सिलसिले में रहता पठानकोट था। क्योंकि
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Read Moreचंडीगढ़ के एक ओल्ड एज होम में मास्टर प्रभात को अपनी जिंदगी की शाम के यह अंधेरे गुमनाम दिन काटते
Read Moreमोहन अभी दस साल का ही था तो पिता का साया सिर से उठ गया। लाजो अभी जवान थी ।कोई
Read Moreअनुभव ने लाला मदन लाल को कहा-” मुझे बढ़िया से जूते दिखाओ ‘।लाला का नौकर उसे जूते दिखाता गया और
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