हमको नित मुस्काना है
चाहे जितने कष्ट पड़ें पर,हमको नित मुस्काना है।क्यो रोते हो सुख दुख खातिर,सुख दुख आना जाना है।महल अटारी जो भी
Read Moreचाहे जितने कष्ट पड़ें पर,हमको नित मुस्काना है।क्यो रोते हो सुख दुख खातिर,सुख दुख आना जाना है।महल अटारी जो भी
Read Moreलिख डाले हैं गीत अनेको अधरों की मुस्कान पर।लिखे छंद कारे नैनों पर चढ़े कटीले बाण पर।कड़ी सर्द में तुम्हें
Read Moreहम तो गीतों में तुमको छिपाते रहे। गीत गाकर सदा मुस्कुराते रहे। लेखनी को उठाकर के लिखता हूँ तब, लहरें
Read Moreनफरत से नित दूर रहें और लिखें प्रीत के गीत। मानवता की मशाल थामकर बनें सभी के मीत। द्वेष भाव
Read Moreआओ मिलकर बंधन तोड़ें, प्रेम डगर से हमें जो मोड़ें। जो होते हैं ऊंच नीच के, बंधते लोग हैं आंख
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