कविता – उपहार
तोहफा कहें या भेंट,ज़िन्दगी की उफ़ान बढ़ाती है।खतरों से खेलने की,अदा हमें बताने की,हरेक क्षण,उत्सुकता भरपूर दे जाती है।यह एक
Read Moreतोहफा कहें या भेंट,ज़िन्दगी की उफ़ान बढ़ाती है।खतरों से खेलने की,अदा हमें बताने की,हरेक क्षण,उत्सुकता भरपूर दे जाती है।यह एक
Read Moreयह सन्देश है,उच्चस्तरीय व्यवहार है।कल्पना है यहां असीम,सब मानते हैं,यही सबसे बड़ा उपहार है। ईश्वरीय आहार है,प्रकृति का आभार है।हमें
Read Moreख्वाहिशें न करें ऐसी,खत्म हो जाए जब रियासत वैसी,यह पीछे जाने का,सबसे ख़राब तरीका है,नहीं हो सकता,ज़िन्दगी में अपनाने का
Read Moreसंयुक्त परिवार आज़,खत्म हो रहा है।सुकून देने वाली ताकत,अब शेष नहीं बचा है।यह क्या हो गया है,जड़ चेतन मन में,अब
Read Moreमैं पेड़ हूं, फल फूल औषधि और लकड़ी का, राजा हूं। प्राणवायु की महारानी हूं, जीवन की धूरी हूं, मेरे
Read Moreनर्मदा नदी के किनारे तीस हजार वर्ग हेक्टेयर में फैले हुए शान्ति वन में राजा शेखर शेर और उसके तमाम
Read Moreरामू और नवनीत की दोस्ती की चर्चा पूरे शास्त्री बाग मुहल्ले में होती रहती थी। बचपन से एक ही स्कूल
Read Moreराजन के पापा ने दी साइकिल, स्कूल है जाता उसपर सवार। मस्ती करते वह नहीं है थकता, मिलता इससे खुशियां
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