ग़ज़ल
रिमझिम कहलाए बादल की रानी आया नटखट सावन। यह दुख सुख की लम्बी एक कहानी आया नटखट सावन। सूखे टिब्बे
Read Moreसावन आ गया रे चढ़ आईं घोर घटाएं काली काली। फूलों के संग झूम रती डाली-डाली। अंधेरा छा गया रे।
Read Moreगुरदासपुर से लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह प्रसि( ऐतिहासिक गुरूद्वारा घल्लुघारा साहिब। इस गुरूद्वारे को जाने
Read Moreशंकराचार्य मन्दिर श्रीनगर से 4 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी की चोटी पर दर्शनीय स्थान है। यह मन्दिर श्रीनगर के प्रत्येक
Read Moreनएं रंग हैं नएं ढंग हैं नएं नियमों की बस्ती है। नएं प्रयोग परिवर्तन में यह कस्मों की बस्ती है।
Read Moreपारो तीन बहने थीं। पारो सब से छोटी। भोली भाली सी खूबसूरत। जैसे कुदरत ने काएनात का सारा हुसन उसमें
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