ग़ज़ल
खुद परस्ती की बात करता हूं।तेरी हस्ती की बात करता हूं।बुत परस्ती की बात करता हूं।अपनी हस्ती की बात करता
Read Moreअपने गांव में आते झूले।सबके मन को भाते झूले। भिन्न-भिन्न जातों-पातों में।प्रभातों एंव रातों में।लौकिक नगमे गाते झूले।अपने गांव में
Read Moreरंगों की रानी कहलाए।सुरभि के संग उड़ती जाए।सब बच्चों के मन को भाए।देखो तितली उड़ती जाए। प्यार करे सत्कार सीखावे।न
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