ग़ज़ल
मुंह से कुछ ना बोल ज़माना ठीक नहीं। दुनियां देगी रोल ज़माना ठीक नहीं। तेरी सच्चाई इल्लज़ाम में बदलेंगे,
Read Moreमा जन्नत की परिभाषा। माँ पीढी की अभिलाषा। माँ मन्दिर में जैसे ज्योति। माँ समता से भरी गोदी।
Read Moreउर्वर भूमि के मालिक उद्यमी कृषक सुन। नींव के सृजक प्रभाकर श्रमिक सुन। तेरे खून पसीनें में तो सूरज है।
Read Moreदो परम मित्र थे। एक का नाम कर्ण तथा दूसरे का नाम सुकरात। वे एक ही स्कूल तथा एक ही
Read Moreजन्न्त का पहनावा पा कर आई फिर बसंत धरती दुल्हन भांति सजा कर आई फिर बसंत खुशबू के अलंकार
Read Moreवीर हकीकत राय का 22 जनवरी सन 1716 ई. दिन शनिवार, पिता श्री भागमल के घर, माता कौरां की कोख
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