चुनावी साँप
ढ़ेर सारे साँप निकले है आजकल दौरों पर जो हमेशा ही चुनावी मौसम मे निकलते है ! ढ़ेर सारे
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Read Moreमाफी चाहता हूँ मैने नववर्ष का अभिनन्दन नही किया अंग्रेज़ो के द्वारा दिये गये तारिखो का वन्दन नही किया !
Read Moreसुबह सुबह अपने शहर को देखकर मै हैरान था ! सब कुछ बदला हुआ सा देखकर मै परेशान था !!
Read Moreसोचता हूँ आपके नाम पर प्यार लिख दूँ ? दिल के कोरे काग़ज पर इजहार लिख दूँ ? हर पल
Read Moreआदत में संस्कार दिल में हिन्दुस्तान रखता हूँ कफ़न नसीब हो तिरंगे का ये अरमान रखता हूँ !! ऐ रक़ीब
Read Moreमैं कहता हूँ सपने अपने सजाया करो मगर रेत पर यूँ महल मत बनाया करो !! दिखावा कभी भी सच
Read More“भारत माता की जय”नहीं बोलूगा-ओवैशी के इस बयान वाले सन्दर्भ मे मेरी रचना- ऐ ओवैशी क्या तुझको भारत माता से
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