बालगीत – सड़क
अपनी मंजिल तक पहुँचाती।सरके नहीं सड़क कहलातीं।। दिन – रातों में चलते राही।यात्रा करें सभी मनचाही।।वहीं पड़ी वह कहीं न
Read Moreअपनी मंजिल तक पहुँचाती।सरके नहीं सड़क कहलातीं।। दिन – रातों में चलते राही।यात्रा करें सभी मनचाही।।वहीं पड़ी वह कहीं न
Read Moreइस असार संसार में ऐसा भी बहुत कुछ विद्यमान है , जो ससार है,सारवान है।ऐसे ही सारवानों में एक शब्द
Read Moreसूरज आँखें दिखा रहा हैधरती से नाराज बड़ा। सिमट गई है छाँवपेड़ के पाँव तलेमुरझाए हैं गाँवतपन के दाँव चलेकंकड़
Read Moreमनुज-देह दृढ़ एक किला।बड़े भाग्य से तुम्हें मिला।। नौ दरवाजे सभी खुले,एक फूल जो नहीं खिला। आए- जाए श्वास युगल,होता
Read Moreअद्भुत अनुपम भारत मेरा।प्रचुर सम्पदा का शुभ घेरा।। कलरव करतीं यमुना गंगा।फहराता है सदा तिरंगा।।देव – देवियाँ करतीं फेरा।अद्भुत अनुपम
Read Moreजनता से लेकर नेता तक,चमचा से लेकर भगौना तक,चम्मच से लेकर दौना तक,वाचाल से लेकर मौना तक ‘पहले मैं’ का
Read Moreबंद किले के नौ दरवाजेदसवाँ बंद सपाट। सब पर बैठे देव- देवियाँअलग सभी के कामसभी सहायक बने परस्परबने हुए नव
Read Moreगया देश को भूल, सत्ता – मद में आदमी।नाशी बुद्धि समूल,कर्म-धर्म करता नहीं।।जन-सेवा से दूर, सत्ता के भूखे सभी।भावहीन भरपूर,
Read Moreगंगा यमुना सरस्वती, प्रियल त्रिवेणी धार।अग-जग को नित तारती,करती जन उपकार।। महाकुंभ मेला लगा, तीरथराज प्रयाग,मन मैला अघ ओघ से,मन
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