हुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू
हुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू।नर- जीवन के हैं सब डाकू।। हुक्के में जो धुँआ उड़ाता।नश्तर तन में स्वयं चुभाता।। सट-सट धुँआ चिलम से
Read Moreहुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू।नर- जीवन के हैं सब डाकू।। हुक्के में जो धुँआ उड़ाता।नश्तर तन में स्वयं चुभाता।। सट-सट धुँआ चिलम से
Read Moreगीत गाते मरीं गाँव की गोरियाँ।गिरीं खेत में ज्यों वे भरीं बोरियाँ।। हमासी दानवों ने बहाया लहू,मिट गईं लुट गईं
Read Moreजिया अर्थ-उन्माद में, खोया जीवन-मोल।अहंकार भीषण बढ़ा,चक्षु ज्ञान के खोल।। अपनों से ही शत्रुता,अपनों से ही बैर,लौट वहीं पर आ
Read Moreआज तो ‘बात’ की बात करनी है।बात अपने बहुविध रूपों में हमें और हमारे जीवन को प्रभावित करती है।बात की
Read Moreजितने साँचे उतनी प्रतिमाशेष न रहती एक। कुंभकार है अद्भुत सृष्टासाँचे गढ़े नवीन।माटी भर -भर बना रहा हैलघु,पतली या पीन।।
Read Moreहिंदी से हमहम से हिंदीहम नहीं किसी भाषा से कम। माता जिसकीसंस्कृत पावनतन देवनागरी का प्यारा।जननी ने दीघोटी निज पयबहती
Read Moreहमारी मनुष्य जाति की प्रायः तीन अवस्थाएँ प्रचलन में हैं :1.बैठना 2.लेटना और 3.खड़े रहना। एक और चौथी अवस्था भी
Read More