गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/05/202502/05/2025 0 Comments ग़ज़ल हाल-ए-दिल सबको सुनाने की ज़रूरत क्या हैअश्क सरेआम बहाने की ज़रूरत क्या है ताल्लुक बोझ लगता हो तो आओ तोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/04/202529/04/2025 ग़ज़ल किसी को गले लगाए ज़माने गुज़र गएकोई गीत गुनगुनाए ज़माने गुज़र गए अहसास दर्द का क्यों कमतर नहीं होताजब दिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/03/202521/03/2025 समझते हैं किसी की बात को हम-तुम कहां और कब समझते हैंपर अपने काम की होती है तो हम सब समझते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/02/202515/02/2025 ग़ज़ल तीखे मोड़ हों जिसमें वो राह अच्छी नहीं होतीए मेरे दोस्त बिन माँगी सलाह अच्छी नहीं होती उड़ा देती है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 25/01/202525/01/2025 ग़ज़ल ज़ुबां से तो ना लिया नाम तुम्हारा हमनेखामोशियों से मगर रोज़ पुकारा हमने लबों पे बात अपने दिल की कभी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/11/202414/11/2024 ग़ज़ल मेरे जिस्म में तू बन के जान रहता हैमिलूँ किसी से भी तेरा ध्यान रहता है मेरे वजूद में शामिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 06/11/202406/11/2024 ग़ज़ल चाँदनी खुद में सिमटती जाएगीरात रफ्ता-रफ्ता ढलती जाएगी गर्मी-ए-एहसास की लौ तो दिखारिश्तों पे जमी बर्फ गलती जाएगी मोम के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/10/202403/10/2024 ग़ज़ल हसरत-ए-दिल-ए-बेकरार कहां तक जातीदश्त-ए-तनहाई के उस पार कहां तक जाती मैं ज़मीं पर था तुम कोहसार-ए-गुरूरां पर थेगरीब की ख्वाहिश-ए-दीदार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/10/202401/10/2024 ग़ज़ल लबों पे आह है आँखों में पानीमुहब्बत दे गई कुछ तो निशानी संभाला था दिल को मुश्किलों सेतुमने फिर छेड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 17/09/202417/09/2024 ग़ज़ल इक तो अब हो गई पुरानी भीहमको आती नहीं सुनानी भी तुम अपने गम से भी नहीं खालीहै अधूरी मेरी Read More