गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/06/202421/06/2024 ग़ज़ल यारी में मतलब की मिलावट मैं नहीं करता,सच्ची बात कहता हूँ बनावट मैं नहीं करता जहां तक साथ दे कोई Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/05/202426/04/2024 ग़ज़ल इंसानियत की राह में कुछ कर गुज़र जाने के बादअब भी ज़िंदा हैं बहुत से लोग मर जाने के बाद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 04/04/202431/03/2024 ग़ज़ल ऐसे ही ना सबसे यारी किया करोथोड़ी सी तो पर्देदारी किया करो इश्क हुआ तो नींद कहां से आएगीअब रातों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/04/202431/03/2024 ग़ज़ल कटी थोड़ी कहकहों में थोड़ी आहों में कटीज़िंदगी अपनी मगर तेरी पनाहों में कटी गम ना कर तू हश्र में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/04/202426/03/2024 ग़ज़ल फायदा होगा भूल जाने सेबात बढ़ जाएगी बढ़ाने से आहें, आँसू, शायरी का हुनरहाथ आया है दिल लगाने से बिन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/04/202402/04/2024 बेकरार मैं भी था बेचैन तुम ही नहीं बेकरार मैं भी थातेरी उदासियों में सोगवार मैं भी था अश्क तुमने भी बहाए थे वक़्त-ए-रुख्सतबिछड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/03/202422/03/2024 तनहा शाम तनहा है और सहर तनहाउम्र अपनी गई गुज़र तनहा छुप गए साये भी अँधेरों मेंरात को हो गया शहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/03/202419/03/2024 बाकी है अभी थका नहीं हूँ बहुत जान बाकी हैजिंदगी का कड़ा इम्तिहान बाकी है मुझे मोहलत ए खुदा और अता कर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 12/03/202412/03/2024 ग़ज़ल खामोश आँखों की ज़ुबां से आई हैबेचैन दिल के दरमियां से आई है इश्क की रानाई कहते हैं जिसेइक अधूरी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/03/202405/03/2024 ग़ज़ल आगे क्या होगा ये अक्सर सोचता रहता हूँ मैंसोच कर फिर बेवजह ही खौलता रहता हूँ मैं लफ़्ज़ों की लौ Read More