गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 25/11/201917/12/2019 गज़ल ज़ख्मों पे मरहम रखने उतरी हो जो खला से लगते हो तुम मुझे उस पाकीज़ा सी दुआ से हर बार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/11/201915/11/2019 गज़ल मेरे जज़्बात से बिल्कुल ही बेखबर निकला मेरा महबूब संगदिल किस कदर निकला मुझे लगा था कि दो – चार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 08/11/201911/11/2019 गज़ल माना तेरी मुहब्बत का मैं हकदार नहीं मगर इस दिल पे मेरा कोई इख्तियार नहीं दोस्ती, वफा और इश्क़ जहाँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 30/10/201911/11/2019 ग़ज़ल मज़े के साथ ज़हर घूँट-घूँट पीने का कि अंदाज़ मुख्तलिफ है अपने जीने का है नमकीन लहज़ा शहर के सब Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म *भरत मल्होत्रा 25/10/2019 धनतेरस का महत्व धन तेरस अर्थात धन्वन्तरि त्रयोदशी को दीपावली के दो दिन पहले मनाया जाता है। जैसा कि नाम से ज्ञात होता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 16/10/201916/10/2019 ग़ज़ल जादू पैसे का यारो कमाल होता है बिना इसके जीना-मरना मुहाल होता है सिखा रहे हैं सबक रहम का वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 13/10/201913/10/2019 ग़ज़ल कहीं न दूर तक कोई निशान होता है न ज़मीं न कहीं आसमान होता है किस्मत में क्या लिखा है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 11/10/201922/10/2019 ग़ज़ल ज़माने से ज़ख़्म अपने छुपा लिए मैंने छुप के दुनिया से आँसू बहा लिए मैंने हो के बर्बाद इश्क़ में Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म *भरत मल्होत्रा 08/10/2019 दशहरा आज विजयादशमी है। अच्छाई की बुराई पर, सत्य की झूठ पर, विनम्रता की अहंकार पर विजय का पर्व। हर वर्ष Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 27/09/201922/10/2019 ग़ज़ल रफ़ाकत के वो सब किस्से सुहाने याद आते हैं हमें अब भी मुहब्बत के ज़माने याद आते हैं रोज़ हँसता Read More