गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 12/10/202312/10/2023 प्यार हो जाता मुझे ता-ज़िंदगी फिर रास्तों से प्यार हो जाता जो मेरा हमसफर बनने को तू तैयार हो जाता मेरे दिल से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 09/10/202309/10/2023 गजल सूखे पत्तों की तरह इधर-उधर जाते हैं हमें खुद ही नहीं खबर है किधर जाते हैं अपनी किस्मत में तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/10/202303/10/2023 गजल किसने किसका दिल तोड़ा ये सारे ज़माने को है पता कौन उजड़ा और कौन बसा ये सारे ज़माने को है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 26/09/202326/09/2023 गजल दिन जैसे गुज़रते जा रहे हैं दोस्त अपने बदलते जा रहे हैं समझ में आ नहीं पाया मुझे ये रिश्ते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 20/09/202320/09/2023 गजल जाने कैसे हमें लग गया मर्ज़ ये है संगीन बहुत अपनी तबियत थोड़े दिनों से रहती है गमगीन बहुत दीवानों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 18/09/202318/09/2023 गजल तेरी तरह दो रोज़ के मेहमान हैं हम भी उदास जो तुम हो तो परेशान हैं हम भी मशहूर अगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 28/06/2023 ग़ज़ल मैं ये तो नहीं कहता कोई अच्छा नहीं होगा मेरे बाद लेकिन कोई भी मुझसा नहीं होगा चुराएंगे यहाँ कई Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 26/06/2023 ग़ज़ल दो चार अश्क आंखों से बहा के बैठ गया मेरे अपनों से ही मैं चोट खा के बैठ गया जिसका Read More
गीत/नवगीत *भरत मल्होत्रा 24/06/2023 उम्मीद उम्मीद की किरण से ही होता है सवेरा उम्मीद अगर ना हो छा जाता है अँधेरा उम्मीद ही है सूरज, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 19/06/2023 ग़ज़ल नज़ाकत आप क्या जानें, नफासत आप क्या जानें, किसी मासूम चेहरे की शरारत आप क्या जानें जज़्बे हैं ये इंसानी, Read More