गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/04/2023 ग़ज़ल हाल-ए-दिल तुम्हें भी सुनाएंगे किसी रोज़, रोएंगे और तुमको रूलाएंगे किसी रोज़ इज़हार हमें जज़्बों का आता तो नहीं पर, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/04/2023 ग़ज़ल बहुत से लोग दुनिया में अजब सा काम करते हैं, मुहब्बत ज़िंदगी से है मगर जीने से डरते हैं, रवायत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/04/2023 ग़ज़ल तेरी जुदाई आज फिर अश्कों में ढल गई, होते ही शाम यादों की इक शमा जल गई माना था बड़ी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/04/2023 ग़ज़ल जिसका सूरज तू हो ऐसे सहर की क्या बात है साथ तेरे गुज़रे जो उस सफर की क्या बात है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/04/202304/04/2023 ग़ज़ल मैं जिसे ढूँढ रहा हूँ कहीं मिलेगी ही दरिया पार करो तो ज़मीं मिलेगी ही सितारे होंगे मेहरबान कभी हम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 17/03/2023 ग़ज़ल ये बात दीगर है कि चारागर को खुद ही पता न हो कोई दर्द ऐसा बना नहीं जिसकी जहां में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 13/03/2023 ग़ज़ल कभी जिसकी हुकूमत थी सातों आसमानों तक इश्क है अब वो महदूद जिस्मों की दुकानों तक चर्चे हैं बहुत जिनके Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 08/03/2023 ग़ज़ल चढ़ान ही नहीं फकत उतार भी है ज़िंदगी साया-ए-दीवार भी है, दार भी है ज़िंदगी मुतमईन भी हूँ, चाहतें भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 04/03/2023 ग़ज़ल ढाए हैं हम पे दुनिया ने कुछ ऐसे सितम भी लगने लगे हैं एक से कातिल भी, सनम भी महफिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 24/02/2023 ग़ज़ल बेमकसद मुस्कुराना कभी उदास होना भी कभी उम्मीद रखना भी कभी बेआस होना भी गम मुझको नहीं है सिर्फ तुझसे Read More