गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 17/06/2023 ग़ज़ल फैले दूर तक उदासी के मौसम नहीं होते अगर तुम पास होते ज़िंदगी में गम नहीं होते दिल मिलने की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/06/2023 ग़ज़ल सितार है टूटा हुआ इस दिल के तारों को ना छेड़, नाम लेकर इश्क का तू गम के मारों को Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 06/06/2023 ग़ज़ल नाकामियों का बोझ जिगर पर लिए हुए लौटा तेरे दर से दीदा-ए-तर लिए हुए कत्ल कर चुके हैं कितनों को Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/04/2023 ग़ज़ल नज़र के सामने होकर भी बहुत दूर लगा न जाने क्यों मुझे वो शख्स कुछ मगरूर लगा यक-ब-यक तूने उठाया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/04/2023 ग़ज़ल जो मेरे सीने में धड़कन की तरह बसता रहा, मैं उसे ही मिलने को ता-उम्र तरसता रहा धूप में जलती Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/04/2023 ग़ज़ल हाल-ए-दिल तुम्हें भी सुनाएंगे किसी रोज़, रोएंगे और तुमको रूलाएंगे किसी रोज़ इज़हार हमें जज़्बों का आता तो नहीं पर, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/04/2023 ग़ज़ल बहुत से लोग दुनिया में अजब सा काम करते हैं, मुहब्बत ज़िंदगी से है मगर जीने से डरते हैं, रवायत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 05/04/2023 ग़ज़ल तेरी जुदाई आज फिर अश्कों में ढल गई, होते ही शाम यादों की इक शमा जल गई माना था बड़ी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/04/2023 ग़ज़ल जिसका सूरज तू हो ऐसे सहर की क्या बात है साथ तेरे गुज़रे जो उस सफर की क्या बात है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 03/04/202304/04/2023 ग़ज़ल मैं जिसे ढूँढ रहा हूँ कहीं मिलेगी ही दरिया पार करो तो ज़मीं मिलेगी ही सितारे होंगे मेहरबान कभी हम Read More