यशोदानंदन-३
महर्षि की बातें यशोदा जी बड़े ध्यान से सुन रही थीं। जैसे ही ऋषिवर ने अपना कथन समाप्त किया उनके
Read Moreमहर्षि की बातें यशोदा जी बड़े ध्यान से सुन रही थीं। जैसे ही ऋषिवर ने अपना कथन समाप्त किया उनके
Read Moreसेवकों ने दोनों पर्यंकों को पास ला दिया। यशोदा जी की दृष्टि जैसे ही पति
Read More“क्या कहा आपने? कृष्ण मेरा पुत्र नहीं है? यह कैसे हो सकता है? मुझे स्मरण नहीं कि आपने कभी मिथ्यावाचन
Read Moreचेन्नई उच्च न्यायालय के कुछ अवैध निर्माणों को ढहाने के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। मामला
Read Moreप्रत्येक मनुष्य, मनुष्य ही नहीं प्रत्येक जीवात्मा में ईश्वर का अंश है। प्रकृति की प्रत्येक कृति ईश्वर की उपस्थिति की
Read Moreछद्म धर्मनिरपेक्षवादियों का श्रीमद्भगवद्गीता पर एक आरोप यह भी है कि गीता जाति-व्यवस्था को न सिर्फ स्वीकृति देती है, वरन्
Read Moreछद्म धर्मनिरपेक्षवादियों को जब कोई पुष्ट आरोप समझ में नहीं आता, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा द्वारा किए गए
Read Moreकर्म गीता का मूलमंत्र है। निष्काम कर्मयोग में सारे दर्शन समाहित हैं। Work is worship — कार्य ही पूजा है,
Read Moreएक छद्म धर्मनिरपेक्षवादी ने अपने एक लंबे लेख में गीता के एक श्लोक को उद्धरित करते हुए टिप्पणी लिखी है
Read Moreश्रीकृष्ण को अच्छी तरह समझे बिना गीता तक नहीं पहुंचा जा सकता। शरीर और आत्मा जैसी दो चीजें नहीं हैं।
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