Author: बिपिन किशोर सिन्हा

इतिहास

श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-७

प्रत्येक मनुष्य, मनुष्य ही नहीं प्रत्येक जीवात्मा में ईश्वर का अंश है। प्रकृति की प्रत्येक कृति ईश्वर की उपस्थिति की

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इतिहास

श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-६

छद्म धर्मनिरपेक्षवादियों का श्रीमद्भगवद्गीता पर एक आरोप यह भी है कि गीता जाति-व्यवस्था को न सिर्फ स्वीकृति देती है, वरन्‌

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सामाजिक

श्रीमद्भगद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-५ 

छद्म धर्मनिरपेक्षवादियों को जब कोई पुष्ट आरोप समझ में नहीं आता, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा द्वारा किए गए

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सामाजिक

श्रीमद्भगवद्गीता और छद्मधर्मनिरपेक्षवादी : चर्चा-३

एक छद्म धर्मनिरपेक्षवादी ने अपने एक  लंबे लेख में गीता के एक श्लोक को उद्धरित करते हुए टिप्पणी लिखी है

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सामाजिक

श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-२

श्रीकृष्ण को अच्छी तरह समझे बिना गीता तक नहीं पहुंचा जा सकता। शरीर और आत्मा जैसी दो चीजें नहीं हैं।

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