क्षणिकएँ
मैं जो भी हूँ कैसा भी हूँ तुम्हारी नज़रों से खुद को क्यों परखूं मुझे परखना है खुद को खुद
Read Moreएक टिकट मुझे भी दिलवा दो आदर्शों से कोई लेना देना नहीं किसी भी दल से दिलवा दो जो दल
Read Moreहँसना अच्छा है हँसिए हँसिए खूब हँसिए खुद पर हँसिए दूसरे पर हँसिए हँसी की बात पर हँसिए जहाँ मौका
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