डिफॉल्ट *ब्रजेश गुप्ता 14/04/202514/04/2025 0 Comments जमीन का एक टुकड़ा जमीन का एक टुकड़ा खरीदकर खुद को इतना ख़ुश समझ रहा है जैसे यह ता जिंदगी मेरा ही रहेगा न Read More
डिफॉल्ट *ब्रजेश गुप्ता 13/04/202513/04/2025 0 Comments पहाड़ एक लम्बे अरसे बाद शहर की भीड़भाड़ से बचने और सकून के लिए हम पहाड़ देखने गए चारों तरफ हम Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 08/04/202508/04/2025 0 Comments जश्न सत्य को जानने लगे है लोग मरने वाले के साथ मरा जाता नहीं इसलिए अब शौक नहीं जश्न मनाने लगे Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 05/04/202507/04/2025 0 Comments ख्याल बहुत कोशिश है तुझे भूल जाने की मेरी पर तेरी यादें मुझे तुझे भूलने नहीं देती जब भी करता हूँ Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 04/04/202504/04/2025 0 Comments क्षणिका आँखों से आँखें चार हुईं वह आँखों की सीढ़ी चढ़ दिल में उतर गए फिर वह वह न रहे हम Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 21/03/202523/03/2025 क्षणिका जो कहते थे मोहब्बत में जी न सकेंगे तुम बिन मर जायेंगे हम वो भी जिन्दा हैं हम भी जिन्दा Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 21/03/202523/03/2025 वक़्त वक़्त के सुनहरे झांसे में न आ बेवफ़ा है यह बड़ा आज तुझसे कह रहा तेरा हूं मैं कल इसने Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 21/03/202523/03/2025 कविता कविता आखिर है क्या खुद के अंदर घुमड़ते भावों का उदगार जो अंकित हो जाते है कागज के पन्नों पे Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 11/03/202512/03/2025 फाल्गुन मन मचल मचल पागल हुआ जाये फागुन की मस्तियों में रंगों की होली में मस्त कोयल कूक रही टेसू छटा Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 03/03/202505/03/2025 कुत्ता इंसान से ज्यादा है वफादार जानवर अपनों पर कभी करता नहीं वार पता नहीं फिर क्यों कहते कुत्ता आदमी को Read More