मेरे अल्फाज़
जो अल्फाज़ मैंने कहे जैसे कहे जिस लहजे में कहे तुमने उनको समझा ही नहीं अगर समझा तो अपने लहजे
Read Moreजो अल्फाज़ मैंने कहे जैसे कहे जिस लहजे में कहे तुमने उनको समझा ही नहीं अगर समझा तो अपने लहजे
Read Moreआगमन में इंसान के बजते हुए ढोल तांसे विदा के वक्त फिर यह रोना कैसा हंसी खुशी विदा करों न
Read Moreधड़कती नब्ज सांसों का आरोह अवरोह देख कर लगता है जिंदा है आदमी हां इससे तो यही लगता है जिंदा
Read Moreसुन सुन ताने पक गए कान हमारे पहले तो दिन रात टोक टोक कर कर क्लेश आदतों में कर दिया
Read Moreठंड ने पदार्पण कर दिया है उसको सम्मान देते हुए हमने भी रोज नहाना छोड़ दिया है हफ्ते भर का
Read Moreकाल का पहिया सुन मेरे भैय्या घूमे अपनी चाल रे दिन रात बिना थके बिना रुके अपनी गति से चला
Read Moreखानपान का स्वास्थ पर विशेष प्रभाव पड़ता है ऐसा मैने पुणे में रहते, वहां के लोगों द्वारा खाने पीने की
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